देखे साईं का चरित्र – https://hindurashtra.wordpress.com/wp-content/uploads/2013/08/exposesai.pdf
यान्ति देवव्रता देवान् पितृन्यान्ति पितृव्रताः
भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपिमाम्
गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि भूत प्रेत, मूर्दा (खुला या दफ़नाया हुआ अर्थात् कब्र अथवा समाधि) को सकामभाव से पूजने वाले स्वयं मरने के बाद भूत-प्रेत ही बनते हैं.
चूँकि साईं न इश्वर है न देवता और न अवतार इसलिए वह भी एक प्रकार से पूजनीय व्यक्तियों की श्रेणी में नहीं आता, एक साधारण इंसान होते हुए भी उसे इश्वर की तरह पूजा जाना सनातन धर्म का ही घोर अपमान है.
https://hindurashtra.wordpress.com/2012/06/26/fake-sai-2/साईं के अवतारी होने का भंडाफोड़ एवं साईं के चमत्कारों का पर्दाफाश,
https://hindurashtra.wordpress.com/2012/06/26/122/
साईं का पूजन अर्थात सनातनी धर्म का घोर अपमान, क्या एक यावनी(मुसलमान) सनातनी भगवान् हो सकता है, वो यावनी जो हजारो सालो से भारत भूमि को रक्त में डुबोते हुए तलवार के जोर पर हजारो लाखो स्त्रियों का चीरहरण व् करोड़ो भारतवासियों की हत्या करने उनका जबरन धर्मांतरण करा चुके है, साथ ही इस झूठ का गुब्बारा फोड़ना की साईं ने अपने जीवन में समाज के कल्याण के लिए कोई कार्य किये है.
https://hindurashtra.wordpress.com/2012/06/19/fake-sai
साईं के कुछ मुर्ख भक्त है जो साईं कटुवे को शिव राम या कृष्ण ने जोड़ रहे है और अपने सनातन धर्म का मखोल उड़ा कर पूरी दुनिया में सनातन धर्म को बदनाम कर रहे है,
ऐसे साईं भक्तो को मेरा खुला चैलेंज, हिम्मत है तो साईं को हिन्दू साबित करे भगवान की बात तो बहुत दूर की है,
ऐसे साईं भक्तो को मेरी सलाह, क्या ये साईं राम शिव से बड़ा हो गया,
क्या साईं की पूजा करने वालो को ये पता है की सनातन धर्म में किस विग्रह की पूजा होती है किसकी नहीं??
क्या साईं भक्ति को पता है की सनातन धर्म में विग्रह स्थापना का क्या विधान है??
क्या सनातन धर्म भगवान् की तरह गुरु की पूजा करने की अनुमति देता है, जैसे की कुछ लोग इसे सिर्फ गुरु बता रहे है.
साईं भक्तो को सलाह की वो अपनी आखे खोले और इस साईं की पूजा को बंद करके सनातन धर्म के असली स्वरुप को पहचाने,
जय श्री राम,
जय भगवान परशुराम,
जय सनातन धर्म
जय हिन्दुराष्ट्र,
Sumit Magar said:
साईं का मतलब है साक्षात् इश्वर.
और साईं ने तो कहा था “सबका मालिक एक” भगवान एक है.
लेकिन आप जैसे लोग जात धर्म के नाम से भगवान को बटोरते है…
तुझे एक दिन अकल आ जाएगी मुर्ख!
!!जय साईनाथ महाराज की जय!!
कुरान और इस्लाम की असलियत said:
आपको इतना समझाने पर भी अक्ल नहीं आई और दुसरो को नसीहत दे रहे है, खुद तो समझे पहले, साईं का अर्थ जो आपने बताया सही है पर ये साईं का असली नाम नहीं है..
और साईं ने कहा की सबका मालिक एक – पर वो मालिक एक है कौन?? और साईं सत्चरित्र में कहाँ लिखा है की साईं सबका मालिक एक है कहता था??
मैं आपको प्रमाण दे रहा हु की साईं केवल अल्लाह मालिक कहता था.. अगर वो अल्लाह को मालिक कहता था तो वो सर्वधर्म संभव कैसे हुआ, हजारो निर्दोष हिन्दुओ के हत्यारे इस्लाम को वो क्यों इतनी महत्वता देता था??
अध्याय तीन और चार पढ़े, अक्ल आ जाएगी आपको..
anupam108 said:
@admin…in our country those who create magic are praised like God…Sai or asharam bapu is one example
Mahabir Prasad Sahoo said:
Brother, sai baba alha malik he bolte the yeh sach he ….. or oha sabka malik ak he oh bi bolte the ….. or agar uniki jibani agar thik se padaha hota to apko ahe pata hota ki sai baba ne kabhi kisi ko unki puja karne ke liye nahi kaha …. unhane shirf ak baat kahi ki sradha and saburi means kisi parbhi srahda rakho oh alha oh bagaban or dharya dharan karo …. or ak bat kahunu aj hindu mata bano … hindustani bano…. or ak bat dusaro ko akal batne se pahele khud apne dil main jhanko ….. or… logono apne sradha or biswas ke sahare jine do…..
कुरान और इस्लाम की असलियत said:
सही कहा मित्र आपने, एक हम ही मुर्ख है, बाकी सब समझदार है, साईं सत्चरित्र में से आप कही भी ये श्रधा सबुरी वाले दो शब्द ढूंढ कर दे दीजिये, साईं का प्रचार शुरू कर देंगे और उसके भक्त बन जायेंगे,
और मित्र जब तक हिन्दू है तब तक हिन्दुस्थान है,
और ये पाकिस्तान भी अपना ही भाग था, हिन्दू घटा तो देश बंटा,,,
इतनी सी बात आप लोगो को समझ नहीं आती फिर कहते हो की कोई कुछ नहीं करता, और जो करता है उसे आप जैसे शास्त्रहीन व्यक्ति समझाने आ जाते है जबकि आप खुद ही नहीं समझते,,,
Shubham Halle said:
why you want to prove that others castes are wrong and how much you are correct..
Doesn’t matter if one is consuming tobacco or anything, (and evenly tobacco was not declared as cancer causing agent or anything else due to unaware programms) He was supporter of poors, doesn’t matter hindu or muslim,
for your reference
http://www.independent.co.uk/arts-entertainment/books/features/thrill-of-the-chaste-the-truth-about-gandhis-sex-life-1937411.html
then M. Gandhi is supecious.. but doesn’t matter, he fighted for common peoples (unlike you, making common peoples fight on wrong things) and for your keen knowledge He have consumed non veg food and beers too
first of all tell me why there’s need of malik or lords , when niether talking about him or praising him is not going to decrease the hike in prices nor common peoples issues,
and I see such blogs making humans (especially poors) from both the sides to fight, and the ultimate winner is the majority .. crude politics.
like this, why don’t you guys do research on hike in prices, unemployment or the very common issues, that will definately lead to a sustainable society.
see bro, i don’t know who you are, and what you do.. but cause of the posts and blogs like this nobody else but only common peoples are hearted. and the things you are telling here can also be told from that side..
Santosh Darekar said:
[१] मूल फारसी भाषा में सायेह शब्द है, जिसे बड़ी अदब से सूफी फकीरों के लिए शायराना और रूहानी अंदाज में उपयोग किया जाता है| Originally, سایه (sāyeh) was a poetic way to refer to Sufi mystics in Persian. It literally means “shade” with the connotation of “protective” and “influential.” Sayeh in of itself is a name among Iranians. यह शब्द मूल संस्कृत ग्रंथों में और हिंदी आर्ष ग्रंथों में बिलकुल नहीं है|
[२] मुघलों के साथ यह शब्द भारत में आया| With the Mughal conquest of India, it was loaned into many languages.
[३] सिन्धी सूफियों ने मूल शब्द में ईं जोड़ा और उसे फ़क़ीर, मालिक, और इश्वर का विशेषण बनाया| जैसे अल्लाह साई| सिन्धी लोग कहते है — साईं झुलेलाल| Sindhi Sufis added the suffix ین ईं -ī(n) to the root word to make it the adjective سائیں साईं sāī(n) an honorific meaning “saint”, “master”, or “lord.” In fact, Modern South Asian Sufis often refer to God as “Allāh sāī(n)”. साईं शब्द विशेषण है|
[४] १९वी सदी में महाराष्ट्र के शिर्डी में अचानक कोई फ़क़ीर आया जिसका नाम किसी को पता नहीं था| उसके दिखावे से वह मुस्लिम फ़क़ीर था इसलिए उसे वहां किसी ने साईं कहके बुलाया और साईं बाबा की शुरुआत हुई| In the 19th century, a Sufi ascetic in Shirdi, now located in Maharashtra, India, with no name came to prominence as a preacher of religious tolerance and unity and drew both Muslim and Hindu devotees to him. His devotees referred to him as سائیں بابا साईं बाबा “sāī(n) bābā”.
[५] समय के साथ “साईं” का “साई” हो गया है| इससे यह पता चलता है की साईं बाबा मुस्लिम थे| और भी बहुत सारे तथ्य यही दर्शाते है| Over time, the word became standard Marathi but it was corrupted so that the homorganic nasal [i.e. ‘n’ ] was deleted and it became साई “sāī”. Today, the name Sai is given to both boys and girls in India in reference to Sai Baba of Shirdi, however it is still relatively rare. It is often followed by a middle name which changes the overall meaning and avoids confusion with other people with the same name. It is most common among the people of Maharashtra, Andhra, Karnataka, Gujarat, and Goa.”
देखे: https://www.quora.com/What-is-the-etymology-Sai
anupam108 said:
if sai is “साक्षात् इश्वर” then y did he said sabka maalik ek. who is that “maalik” ?
Ramesh Roshan said:
Kahte Hain Ki Sai Ko Bhagwan Na Kahen || कहते हैं की साईं को भगवान न कहें Khate hai ki SAI ko bhagwan Na kahen
Shankaracharya ji kahte hain ki sai ko bhagwan na kahe.. woh bhagwan nahi hain.. or unki pooja nahi karni hai.. hamare sanatan dharm ke wirddh hai. Woh kahte hain ki sai ki murtiyan mandir se hata do lekin woh hamare antaryatma.. hamare man hamare dil se sai ko kaise hata sakte hain.. kya ham sai ki pooja band kar sakte hain.. kya ham sai ka murti hata sakte hain. jai. sai…
kaushaltaantrik said:
क्या एक महान पुरुष का, चाहे वो किसी भी जाति, समुदाय, धर्मं का हो, सम्मान योग्य नहीं है? यदि आप कहते हो कि केवल ईश्वर और देवता का ही पूजन सनातन धर्मं कहलाता है तो आप मुनि व्यास, तुलसीदास, वशिष्ठ, विश्वामित्र, सप्त-ऋषि आदि का सम्मान क्यूँ करते हो? एक बात और बताएं, मुझे आपकी बुद्धि पर आपके बौद्धिक-स्तर पर हंसी आती है, सनातन धर्म में सभी देवता हैं, ब्रह्मदेव, इन्द्रदेव, विष्णुदेव, अग्निदेव, वायुदेव, वरुणदेव, अरुणदेव आदि आदि! तो ये देवता हुआ, अर्थात पूजनीय हुए, परन्तु शिव तो देव नहीं?? कहीं सुना है शिव देव? तो उनका पूजन क्यूँ?
चाहे इस्लाम हो या हिन्दू, चाहे सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई, एक दिन में नहीं बन गए थे! जैसे कि आपने ये ब्लॉग बना लिया! सम्मान नहीं कर सकते तो अपमान भी न करो!
जय श्री भैरव नाथ!
कुरान और इस्लाम की असलियत said:
आपने मुनि व्यास, तुलसीदास, वशिष्ठ, विश्वामित्र, सप्त-ऋषि आदि का उदहारण दिया, इनमे से कितने ऋषियों की मूरत बना कर हम मंदिरों में पुज रहे है, क्या आप इनमे से किसी एक की भी सूरत पहचान सकते है, रही बात शिव जी की तो आप को क्या इतना भी ज्ञान नहीं की वे त्रिदेवो में आते है, देवो के देव है वे, इतना अज्ञानी बनोगे तो पाखंडी तो कहलाओगे ही न,,
Mushtaq Khan Khan said:
mujhe nahi malum ke aap kon ho par jo bhi ho magar insaan nahi ho ek kattar muslim ki tarah ek kattar hindu ho aap jese pure hindu aur pure muslmano ki wajah se insaan ki jati is duniya se khatam ho rahi hai kon kehta hai ke koi muslim puja nahi karta har koi puja karta hai par tarike alag alag hain maine khud 5 baar lagatar shri amarnath ki yatra ki hai aur har dharm ki izaat karta hun chahe vo koi bhi ho bhagwan ne koi cheez vearath nahi banayi us ne ek samajdhar insaan banaya tha jo aab dharmo ke chakar mein kho giya hai jab tak aap jese pare likhe log apni soch nahi badlenge to aur kon badlega. agar aap ko kuch bura laga ho to aap se muafi chahta hun…………………….
RAJAT KISHAN said:
oye sun tera shash kaise hua iski tulana MAHADEV KE SATH KARNI KI. TU HOTA KAUN HAI TERA ASTITWA KYA HAI IS SANSAR MEIN
MURKH IS SANSAR KI RACHNA MAHADEV NE KI HAI
VO DEVON KE DEV MAHADEV HAI
TU PUJ YA MAT PUJ VO MAHADEV HI RAHENGE
MAHADEV TERKO SADHBUDHI DE.
HAR HAR MAHADEV.
Vaibhav Kumar Prajapati said:
Abe moorakh Mahadev Bhagawan Shiv ji ko hi kaha jata hai…..
Sharad Megor said:
शिव को तो देवों के देव महादे कहते हैं
Santosh Kumar Ayalasomayajula said:
कुरान और इस्लाम की असलियत said:
आपके इतने संक्षिप्त विवरण में उत्तर के लिए धन्यवाद, आपको समझाना मेरी बुद्धि से परे है, इतने प्रमाणों को नकार कर भी आप साईं को जबरदस्ती इश्वर घोषित करने की कुचेष्टा कर रहे है, जब आप जैसे सज्जन व् विद्वान ऐसा कार्य करेंगे तो आम जनमानस में तो पाखंड फैलेगा ही, साईं के नाम पर व्यापार करके धन कमाना ही आज कल का फैशन बन गया है, ये आपको यदि समझ आता तो क्या कहने, अब आगे के प्रमाणों के लिए तैयार रहे, जल्दी ही और प्रमाण सामने आएंगे
APS Placement Service Pvt. Ltd. said:
Dear Mr. Santosh,
Excellent writing… Kudos to you…It shows the deepness in your studies…
नीतिसार से…..
विद्वानेव विजानाति विद्वज्जनपरिश्रमम् |
न हि वन्ध्या विजानाति गुर्वीं प्रसववेदनां || – नीतिसार
विद्वान् ही विद्वान लोगों की मेहनत को जानता है | (जैसे) वन्ध्या स्त्री (जिसके बच्चे न हों) गर्भवती स्त्री की प्रसव वेदना को नहीं जानती |
I feel this blog is mainted just to spread nonsense without study much. Do chaar kitab padh kar gyani hona ise hi kahte hain. aap is blog admin se bahas main ya logic main nahi jeet sakte….
Ye to parambuddhiman purush hain… inko kya kah sakte hai… sara ved, puran sab inhone hi padha hai baki sab to aivein time waste kar rahe hain….
Jai ho aise blog admin ki…
kaushaltaantrik said:
आक्रोशित न हों मित्र! भगवान् शिव देवता नहीं हैं! वे देवताओं से भी ऊपर हैं! आदि-पुरुष हैं! देव एक योनि है चौरासी लाख योनियों में से एक योनि! भगवान् शिव इस योनि-चक्र से ऊपर हैं! ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश ये त्रिदेव कहे जाते हैं कोई संदेह नहीं इसमें, परन्तु विष्णु भी मनुष्य योनि में अवतरण लेते हैं! ब्रह्मदेव नहीं और शिव भी नहीं! इस मृत्युलोक में शिव से बड़ा कोई नहीं! मेरा अर्थ यही था, वे देवता नहीं हैं, वरन उनसे ऊपर हैं!
इस संसार में प्रत्येक कण उसी ईश्वर द्वारा सृजित है, गरीब, अमीर, सुंदर, कुरूप, काला, गोरा, हिन्दू, मुस्लिम! सभी के सभी! आपके कैसे टिपण्णी कर सकते हैं तब इस्लाम पर? अगर आप करते हैं तो आपका अर्थ है कि भगवान् से त्रुटी हुई? नहीं मित्र, ईश्वर कभी त्रुटी नहीं करता! शिक्षा, ज्ञान सभी से लेने चाहिए! चाहे हिन्दू हों या मुस्लिम! चाहे सिख चाहे इसाई!
कुरान और इस्लाम की असलियत said:
मित्र ये कण कण तो इश्वर ने ही बनाया है पर मैंने कब कहा की उसने त्रुटी की है, यदि में किसी पर टिप्पणी करता हु तो इसका अर्थ ये नहीं की उसे बनाने वाले उस इश्वर में त्रुटी की है, अब आप ये बताये की ये अक्षर जो मैं लिख रहा हु ये सभी हिंदी के है पर है तो सब देखने में अलग अलग, अब यदि में कहू की ये सभी अलग अलग है तो क्या इसमें त्रुटी हो गयी, गलती को दिखाना. उसे परखने का अर्थ ये नहीं की बनाने वाले ने गलती की है, अब आपने कहा की शिक्षा, ज्ञान सभी से लेने चाहिए, तो हे सज्जन, क्या आपकी बात मान कर मुझे तालिबान से भी शिक्षा लेनी चाहिए, ओवैसी साहब से भी कुछ शिक्षा ग्रहण करू क्या. अगर मुझे शिक्षा देने की जगह आपने इतिहास से कोई शिक्षा ली होती तो शायद आप मुझे इस प्रकार उपदेश न देते, इतिहास को जानने और उससे सबक न लेने के कारण ही राष्ट्र की ये गति हुई है, जिसमे कुछ कुछ योगदान आप सज्जन लोगो का भी है
कुरान और इस्लाम की असलियत said:
आपके नये कमेंट को मैंने हटा दिया है क्यूंकि मुझे शंका है की आप वही फेक अकाउंट से है जो कुछ दिन पहले मनोज रतलाम के नाम से आया था, आप लोग कभी सुधरने वाले नहीं और मैं आप लोगो को सबके सामने नंगा करके ही रहूँगा, इसलिए कृपया अपने मुस्लिम रूप में ही आये
RAJAT KISHAN said:
hindu ko jagna hoga
Pratul Vasistha said:
इसमें कोई दो राय नहीं …. पाखण्ड को बढ़ावा देता, मूर्ख (मुग्ध) आस्थावानों की बुद्धि को कुंद करता तेज़ी से फैलाया जा रहा ‘साईं’ के नाम का मजहब अंधभक्ति में डूबे मूर्तिपूजकों के लिए ही खड़ा किया गया है।
‘ईश्वर एक है’ ‘ईश्वर सर्वशक्तिमान है’ जैसी श्रेष्ठ भावना को अपनी विषाक्त मीठी-मीठी टॉफियों पर कवर रूप में लपेटकर हिन्दू धर्म की आड़ में सनातन वैदिक धर्म को समाप्त करने का षड्यंत्र रचा गया है।
आपके समस्त विचार …. कई छिपे सत्यों से पर्दा हटाते हैं। पहली बार में बहुतेरी बातें चुभती जरूर हैं किन्तु उनपर निष्पक्ष भाव से मनन करने पर वह चुभन समाप्त होने लगती है।
ऐसे मंदिरों की उपयोगिता आज के समय में इतनी ही है कि मंदिर से बाहर पंगत में बैठे भिखारियों को कुछ-न-कुछ खाने को मिल जाता है। साईं महाराज की दुकानदारी तभी तक है जब तक समाज में भिखारी, विकलांग, असहाय और कमज़ोर लोग हैं। साईँ महाराज के सभी चमत्कार चढ़ावा चढाने वालों के लिए होते हैं।
Ayush Gulati said:
aap jin vedo ki baat kar rahe hai jisme om shabd k baare me bataya hai, usper vishwas karne ki vajah kya hai
अनजान अजनबी (@proudIndian96) said:
बहुत अच्छी जानकारी है।
Saibaba Ka Sachh said:
Santosh kumar ji bahut kuch likha lekin yeh bhi SAI SATCHARIT se puri tarah prbhavit hain jaise aur log hain.Mr.Dabholkar ne yah kitab likhane ki anumati swayam SAI BABA se unke jeevankal arthat 1918 se pahale le li thi tab unhe isse likhane me itna samay kyon laga ki yah pustak 1929 me prakashit hui.Jis samay wah ye kitab likh rahe the ve swayam Shirdi Sansthan ke “Treasurer” the.Iska matlab hai ki isme likhi hui ek prachar ke rup me thi na ki ek Jeevan Gatha.Satya ko likhane me 10-15 saal nahi lagte,wah to 1 maah me likha ja sakata hai.Kripya apni astha ko kisi juth ke upar barbad na kare.Ishwar tak pahuchna ke raste anek hain lekin satya ka marg hona chahiye.
Ajay Katoch said:
आओ दोस्तों मै श्रद्धेय गुरुवर श्री शुभ्रम बहल जी का एक शिष्य और इस पेज का एडमिन तुम्हे एक मज़े की बात बताऊं-
आज कल हमारे बाबा के बारे में टेढ़ी मेढ़ी बातें करने वाले बदनसीब व्यक्ति यदा कदा देखने को मिल जाते हैं। अभी कुछ दिन पूर्व ही पूरा एक पेज साईनाथ के खिलाफ देखने को मिला। ऐसे दुर्भाग्यशाली लोज ज़्यादातर स्वयं को कट्टर हिन्दू बताकर बाबा को मुसलमान कहने का दुस्साहस करते फिर रहे हैं।
मै ऐसे मूर्खों से कुछ प्रश्न भी पूछना चाहूंगा और इनकी मूढ़बुद्धी को सही करने के लिए कुछ तथ्य भी बताऊंगा-
1- आज बाबा के पूरे विश्व मे करोड़ों मंदिर हैं ना कि मस्जिद जहाँ पर नित्य श्री विष्णु सहस्त्रनाम, विभिन्न स्तोत्र, हवन, आरती- पूजन आदि नित्य होते रहते हैं। यह सब कुछ बाबा के दरबार में सनातन पद्धति के अनुसार पुजारी गण करते हैं। तो इनकी मुसलमान ऐजेन्ट जैसी दकियानूसी बात का क्या अर्थ है?
2- शिरडी मे बाबा की समाधी काल सन 1918 से लेकर अबतक चार आरतियाँ जागरण आरती(काकड़ आरती), मध्यान्ह आरती अर्थात भोग आरती, सायंकालीन धूप आरती और शेज आरती संस्कृत के मंत्रोच्चारण और घंटानाद के साथ नियमित होती आ रही है। वहीं बाबा की समाधी जिसमे बाबा का शरीर विश्रांति पा रहा है विद्यमान है। जो लोग बाबा के विरुद्ध असभ्य वाणी का प्रयोग करते हैं स्वयं वहाँ जाकर देखें की कैसे पृथ्वी पर स्वर्ग शिरडी के रूप में उतरा हुआ है। यकीनन वहाँ बाबा के दिव्य दर्शन कर ऐसे लोगों की मानसिक बीमारियां दूर हो जाएंगी।
3- ऐसे लोग प्राय: यह कहते हैं कि बाबा को भगवान सिद्ध करो तो माने। अरे मूर्खों भगवान सिद्ध करने के लिए नही अनुभव करने के लिए होते हैं। अगर मै इन लोगों से कहूं कि श्री राम अथवा कृष्ण को भगवान सिद्ध करो तो क्या यह कर पाएंगे । तो क्या वे भगवान नही?
4-इनकी भाषा मे अगर बाबा भगवान नही हैं और इनके देवता भगवान हैं तो फिर इनके भगवान बाबा की प्रतिमा के साथ प्रसन्न क्यूं नजर आते हैं। हर मंदिर मे अन्य देवताओं के साथ बाबा की प्रतिमा लग रही हैं । अरे जब भगवान को समस्या नही है तो फिर यह इंसान क्यूं परेशान हो रहे हैं । इसका अर्थ तो यह हुआ कि भगवान को किसी राजनीति की आवश्यक्ता नही है और यह लोग बाबा के नाम पर अपनी वोटों की राजनीति कर रहे हैं जिसकी परवाह हम भक्त कणभर भी नही करते
5-क्या कारण है कि बाबा की कीर्ति आसमान तक पहुंच चुकी है। हर धर्म का व्यक्ति आज उनका गुलाम है। सब उन्हे कलयुग का अवतार कहते हैं। किसी ने सत्य कहा है कि सूर्य, चंद्रमा और सत्य को ज्यादा देर तक छुपाया नही जा सकता है। आज इस पेज पर बाबा के लाखों भक्त हैं कल को करोड़ों होंगे। जगह-जगह और नगर-नगर में गुरू जी के साईकथा कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। अरे हमारे बाबा तो इतने दयालू हैं कि इतने अपराध करने पर भी अगर यह लोग उनकी शरणागति में आ जाएं तो वे कृपालु इन्हे क्षमा कर कृपा ही करेंगे क्यूंकि वही उनका स्वभाव है।
अगर आप साई भक्त हैं तो शेयर अवश्य करें
राहुल राहुल said:
चाणक्य सूत्र :-
१०० बुद्धिमान व्यक्ति के साथ शास्त्रार्थ करने के बजाये एक महामूर्ख से शास्त्रार्थ की चुनौती अस्वीकार करना बुद्धिमता है…
———————————————————————————————–
(महान हिन्दू संत)
साधू की जात ना पूछी जाये……
Saurabh Shinde (@Saurabh1432143) said:
are all of you are mad kuch bhi bole ja rahe ho aap log what you think who the hell you are? jisne bhi yeh lekh likha hai use hindu kahlane ka koi adhikar nahi hai joh kisi ke shradha pe kichad uda shakata hai use kisi bhi bhagvan ke bare mai bolne ka koi bhi aadhikar nahi hai . or ha aap kya kahna chahte sai bhagwan nahi hai ti phir sai ko pujhane wale lakho karodo log bewkhuf hai .kabhi shirdi aake dekho phir samajh mai aayenga har sal kai hindutwadi sanghatan yaha kitni dur se paidal aate hai wo jante hai aap log. sirf social networking site pe baithkar kuch bhi anap shanap bakane se satya badalta nahi hai.
पंडित विजय कुमार पाण्डेय said:
Sai ko Baba hi rahne do inhe bhagavan na banaiye aap log, our inhe sai ram, sai krisn kah ke hindu dharm ka apman na kijiye. ye ek ache insan the is bat pe mebhi inhe smman deta hu lekin inki tuln hindu dharm ke bhagavano se ker ke hundu ko nicha mat dikhiye. vese inka nam baki dharmo ke sath Q nahi joda jata he jese sai pegamber jub ki ye khud musalman the our inka nam Mohamad chan tha. our bhi kai dharmo ke sath bhi joda jaskta he jese mahatma sai budh- bodh panth , sai digamber=jain samaj , guru nanke sai kahalsa panth, musa sai= yahudi sumpraday, Sant Isu-sai=isai sumpraday. aap sai ke prachark esa nahi karoge qki aap jante ho ki in sampradayo our pantho ke log Sanatani hinduo ki tarah bhole bhalem murkh our apne dharm ka gyan na rakhane wale nahi hote he. our aap logo ne ager esa kiya to aap logo ki our aap ke sai ki kher nahi hogi fhir
aaj kuch logo ne sai ko pese kamane ka jariya bna liya he our Sanatni hindu ko todne wale bhi inka sath de rahe he
sai baba ek Fakir the ek sant charitr veyakti the ache insan the ye me manta hu lekin unhe bhagavan kahne our Sanatani hindu Dharm ke devi devtao se jodne ka kater virodhi hu
Hindurashtra (@hindurashtraa) said:
तुम लोग साईं बाबा के बारे में दुष्प्रचार करके किसी को मुर्ख नहीं बना सकते हाँ अपने आप में खुश जरुर हो सकते हो तो होते रहो ..
साईं सद्चरित्र के अध्यायों के बीच बीच में से लाइने उठाकर उनका अर्थ निकाल रहे हो … बच्चे हो तुम लोग .. अगर उसी लाइन का पूरा पैराग्राफ पढोगे तो सही अर्थ मालुम होगा तुम लोगो को ..
साईं बाबा का और अपमान अब सहन नहीं किया जाएगा ..
https://www.facebook.com/exposeantisai
( हिम्मत है तो मेरे कमेन्ट को अप्रूव कर देना ) और अगर नहीं किया तो हम समझेंगे कि तुम लोग कायर हो )
कुरान और इस्लाम की असलियत said:
महाशय आप जिस पेज को यहाँ प्रोमोट कर रहे है उस पेज से तो आपने हमे हटा ही दिया, यदि आप साईं के विरुद्ध किये गये प्रश्नों का सामना कर सकते है तो हमे ब्लॉक क्यों किया,
हटाये हमे ब्लाक लिस्ट से और करे आमने सामने शास्त्रार्थ,
Vaibhav Kumar Prajapati said:
Tum Hindu k naam par kalank ho.
Hindurashtra (@hindurashtraa) said:
साईं विरोधियों की असलियत हमने दुनिया के सामने ला दी है, लोग समझ चुके हैं कि साईं बाबा का विरोध झूठे और बचकाने तर्कों के आधार पर किया जा रहा है, जितने भी तर्क आप लोग साईं बाबा के विरोध में दे रहे हो वो सभी काटे जा चुके हैं ..और साईं बाबा के विरोधियों का पर्दाफाश भी लगातार हो रहा है .. अब यह पर्दाफाश फेसबुक के साथ साथ वेबसाइट के माध्यम से भी शुरू कर दिया गया है .. साईं विरोधियों के एक एक कुतर्क को काटकर फेंक दिया गया है और यह कार्य लगातार जारी है …
http://exposeantisai.blogspot.com
कुरान और इस्लाम की असलियत said:
महाशय कौन से तर्क,, आपके तर्क देखे है, पर उत्तर आप देते नहीं, ब्लाक वैसे ही किया हुआ है, क्या गारंटी है की आप अपने ब्लॉग पर भी कुछ शास्त्रार्थ करने देंगे, कभी कभी लगता है की आप पर साईं द्वारा छोड़ा गया अल-तकिया का बाण सबसे घातक प्रहार कर गया है, इसलिए आपको केवल साईं के अतिरिक्त कुछ समझ नहीं आता,
Hindurashtra (@hindurashtraa) said:
अगर फेसबुक के पेज पर शालीनता से चर्चा करने का आश्वासन देते हैं तो मैं सभी को अनुमति दे सकता हूँ एक सार्थक चर्चा के लिए ..पर अपशब्द बिलकुल भी सहन नहीं किये जायेंगे…
कुरान और इस्लाम की असलियत said:
हमने किस शालीनता का उल्लंघन किया है महाशय,
आप हमारे ब्लॉग को ही देख लीजिये, किसी प्रकार की अभद्र टिप्पणियों को हम नहीं दिखाते पर यदि आप शालीनता से बात करे, फिर चाहे वो हमारे विरोध में ही क्यों न हो, हम उसे दिखाते है,,,
dhamarikaraniruddha said:
om shri sai ram ……. mahoday aapse nivedan hai ki ek bar
SHRIPAD SHRIVALLABH CHARITRAMRUT jo ki trimurti bhagwan dattatraya ke pratham avtar SHRIPAD SHRIVALLABH SWAMI ka jivan charitra hai uske last ke 5-6 adhyay jarur padhe aur mai aapke dwara mere SAI ke liye ki gai abhadra tippanni aur asansadiy bhasha ka kada virodh karta hoon aur yah bhasha padhne par mai khud ko apmanit aur lajjit mahsus kar raha hoon hey sai inhe kshama karna. aapne lord shrikrishna ka ullekh kiya hai to ek bat kahna chahunga SHIRDI me jahan aaj SAIBABA virajman hai waha pahle lord krishna ka mandir banne wala tha par SAIBABA ne tab hi kah diya tha ki yaha lord krishna ki murti sthapit nahi hogi aur bhakto ke poochne par baba ne kaha tha ki waqt aane par sabko pata chal jayega. dost mujhe tum par taras aa raha hai yaha time waist karne se behtar hai ki ek bar SHIRDI ja kar baba se mafi mang kar aao mera SAI bahut dayalu hai maf kar dega tumhe. baba ne kaha hai
JO MAJ BHAJE JAISA JAISA BHAVE TAISA TAISA PAVE MI HI TYASI
are baba to itne dayalu hai ki virodh me hi sahi tum unka nam to le rahe ho unhe smaran to kar rahe ho kalyan kar denge tumhara bhi. ek bat aur kahunga Haridwar, Mathura, Kashi…….. SHIRDI me tirath sare hai SAIBABA ke charno me charo dham hamare hai. SHIRDI hamara vrindavan aur SHIRDI hi gokuldham hai SAI hamare krishna kanhaiyya SAI hamare ram hai. jai sai ram bandhu.
कुरान और इस्लाम की असलियत said:
आप लोगो ने धर्म का मजाक बना कर रख दिया है, भगवान् दत्तात्रेय खुद एक अवतार है, क्या एक अवतार स्वयं अवतार ले सकता है,
आप साईं भक्तो की बचकाना बाते समझ से परे है,
Vaibhav Kumar Prajapati said:
Ekdam sahi kaha
Puneet Chopra said:
आप जो भी है पर बहुत बडे अज्ञानी है । एक व्यक्ति जो मास खाने को बढ़ावा देता हो और एक और कृष्णा जी जो गीता मैं जीव हत्या को न करने का आदेश देते है उस साईं को आप कृष्णा का अवतार बोलते हो । हस्सी अत्ति है ऐसे साईं पर और उसके भक्तो पर । यह तोह छोड़िये। । देश के लिए कुछ क्यों नहीं किया जब यह बाबा ब्रह्माण्ड नायक थ। मतलब समझते है आप ब्राह्मण्द नायक का जो सृष्टी का पालन हर हो । अरे यह होता है पालन हर जो सुबह शाम अपनी ककड आरती करवाए लोगो से और भूल गए की उसका खुद का गाव शिर्डी और वोह खुद एक घुलाम की जिंदगी जी रहा है । अरेह कुछ तोह बुद्धि लगये। ऐसा कोई भगवान् बता डे जिसने अधीनता स्वीकार की हो और पूरा जीवन जिया हो । अरेह यह तोह अंग्रेजो का विरोद तक नहीं कर पाया । भारत से अंग्रेजो को भागना तोह दूर शिर्डी तक से भगा नहीं पाया वोह क्या मेरे और मेरे देश का भला करेग। मुझे इस बाबा का तनिक भर भी डार नहीं । अपनी आंख खोलो और केवल गीता को पदों आपको संचय रहित ज्ञान मिल जायेगा । और अगर हो सके तोह वेद पुराण पढ लो वोह आपके साईं की कर्मो को गलत ही बतायेंगे
Praveen Saini said:
koi sai charitra me mandir shabd dikhaye…
har jageh masjid hi likhi hai
koi sabka malik 1 dikhaye
sab jageh allaah malik hi likha hai.
sai avtari nahi paakhandi tha.
Puneet Chopra said:
अगर होता साईं भगवान् तोह क्यों डार का बेठा रहा शिर्डी मैं । क्यों नहीं लिया लोहा अंग्रेजो से जैसे बाकि वीरो ने लिया.. एक लक्ष्मी बाई लड़ गयी अंग्रेजो के खिलाफ एक औरत होते हुए और यह बाबा सिर्फ अपनी हिम्मत शिर्डी मैं ही दिखा सकता था । और जो लोग शाखाहरी हैं वोह भी आज से मॉस खाना शुरू कर दे क्योकि उनका साईं भी मास खाता और खिलाता थ। येही नहीं वोह तोह मास को खाने के लिए शाकाहारी ब्राह्मण तक को प्ररित करता था ।
जो इंसान खुद ग़ुलाम बन कर रहा हो पुरी जिंदगी वो क्या दिखायेगा किसी को रौशनी ।
मैं झूट नहीं बोलता | नहीं यकीन तोह पाढ़ लो साईं सचित्र। … साईं की तरह झूट नहीं बोलते मैं
अनिरुद्ध द्विवेदी said:
बोलो महोदय क्या कहना चाहते हो क्यूँ बुलाया है फेसबुक से यहाँ पर !!! अपना विषय स्पष्ट करो!!
धनञ्जय भारद्वाज said:
ye atyant chinta ka vishay hai ki ham bharatvasi jo har har mahadev ke nare lagate the ab ॐ sai nath ke nare lagane lage hain! ye kaun si shraddha hai jo baba logon ko bhagwan turat maan leti hai… kabhi shakti upasna ka kendra rahha bharatbhumi ke log ab apne dharm se jude ishwariya rupon par vishwas nahi karte we to naap taul karte hain ki mai kiske paas jaun ki meri mannat puri ho.. dhikkar hai aisi astha par.. samarth ramdas ne pure bharat ko hanuman ki murtiyon se paat diya tha aur ham awsarvadi log ab usi bharat ko sai ki murtiyon se paat rahe hai.. ek taraf bhagwad gita ki shapath li jati hai aur ek taraf bhagwad gita ki likhi baton ko nakara jata hai.. gita me kisi bhi samadhi ya mrit vaktiyon ko pujta hai wah pishach yoni ko prapt hota hai.. par ham to bhartiya sudhar nahi sakte
Nandini Sardeshmukh said:
sai ram sai shyam
deepak bundela said:
इंसान कभी भगवान नहीं बन सकता, वह अपने कर्मो के कारण पूजा जाता है. जो लोग झूठ की नीव पर धरम की आड़ में अपने गोरख धंधे चला रहे है वे एक दिन जरूर ही सजा के पात्र होते है.फिर वो सजा ऊपर वाला दे या मति भ्रस्ट हुए उनके ही भक्त दे सजा तो कर्मो की मिलती ही है. जिस का परिणाम हम आज के समय में देख ही रहे है.
बात है शिर्डी के साई बाबा की लोग कहते है वो फरेबी थे. वो मुसलमान थे. चलिए मान लिया. पर में कहता हूँ थे तो इंसान ही न, उन्होंने कितनो का बुरा किया पहले उनकी लिस्ट बनाये फिर उस आधार पर नकारे. ऐसे पीर जो समाज को राह दिखाए वो कैसे गलत हो सकता है.ऐसे इंसान को यदि लोग पूजते है तो क्या हर्ज़ है. वो किसी भी धर्म का हो पर उनकी आत्मा छल-कपट की तो नहीं थी.जो भी इस बात के प्रूफ को उजागर कर रहे है. वे खुद क्या है पहले इस बात का मंथन कर ले या उनकी बराबरी का कोई छोटा या बड़ा काम ही कर ले. यदि आप कहते है की ईश्वर है तो वो ही उनके कर्मो की सजा देंगे हम और आप कौन होते है. किसी को सजा देने वाले.आप कितना ही कुछ कहले पर हम सब को चलाने वाली एक ही शक्ति है जिसे हम अपने धर्मो के लिवास में पूजते है.और इंसानी रूपी पुण्य आत्माये कभी किसी का बुरा नहीं करती जो इस बात को सही मायने में जानता है. वो इंसान के निर्माण रूपी आस्था के स्थलों पर अपना सर झुकाता है. जहां लाखो लोगो की आस्था जुडी होती है. व्ही से इंसान को सकारात्मकता मिलती है.
प्रखंड ज्ञानी लोगो की महा सभा जो इस ब्लॉग पर जुटी हुई है. जो किसी भी हद्द तक गिर जाती है. हम उस और तो ध्यान ही नहीं दे रहे जहां हमारे ही देवी देवताओ का हम अपमान कर रहे है.अखबारों,पोस्टरों,कपड़ो आदि पर देवी-देवताओ की तस्वीरें छापते है. जो सड़को और नालियों में पड़े रहते है.तब ज्ञानी लोगो का ज्ञान कहा चला जाता है. मेरे धर्मलम्बियों की मानसिकता बेहद ही निराशा पूर्ण है जो आपस में ही टांग खींचने लग जाते है.
हम जब अपने देवताओ का सम्मान किस हुड तक करते है में उसका वर्णन करना चाहूंगा. जिस पर आप लोगो को मिर्ची लगेगी. हम अपने भगवान का कितना सम्मान करते है. यदि करते होते तो कोई भी उनका स्वांग या रूप धारण करने से डरता क्योकि भगवान को हम आप ने ही मज़ाक बना दिया. किसी के भी शरीर में देवी आजाती है. हम कितने ढोंगी है. ेस्वर मन में बस्ता है तमासा दिखा कर भगवान खुश नहीं होता. व्ही में बात करता हूँ बजरंगवली महराज की जो पेदाइसि ही पुण्य थे क्या कोई इंसान उनकी बराबरी कर सकता है या वो किसी के शरीर में आ सकते है. मेने ऐसे कई ढोंगियों को देखा है जो ग्रहस्त जीवन में रहकर भी ढ़ोग रचते है. जबकि महाबली हनुमान ब्रम्हचारी थे.वो कैसे किसी गृहस्त जीवन के इंसान में आ सकते है. भगवान को जान मानस में आने के लिए किसी इंसान के शरीर की आवशक्ता नहीं होती. वो तो हर पल हर क्षण हमारे साथ है. बस जरूरत है विश्वास की. और हम उनका स्वांग रच कर या देवी-देवता आने का ढोंग करके अपने ही धर्म बंधुवो को गलत राह दिखा रहे है.
हम मर्यादा पुरुसोत्तम श्री राम जी के कितने नियमो का पालन करते है. आज जब एक बेटा अपने माता -पिता के साथ दुर्व्यवहार करता है. तब गान का भण्डार कहा होता है. आज के युवाओ को कितनी चौपाइयां याद है. गीता के सबक याद है. अब ये शंख्या आज के इस आधुनिक योग में ४०% के लगभग ही रहगयी है. आज हमारे ही घर की बेटिया और बहुए माँ दुर्गा और माँ सीता के चरित्र और रूपों का पालन करती है.आधुनिकता की दौड़ में फेसन की होड़ में तमासा बनी हुई है. (नवरात्रो में सबसे ज्यादा अवोरसन १६-३० वर्ष की बहनो के क्यो होते है क्या उन्हें भगवान का दर नहीं है.) आज के समय में आपने -आपको ज्ञानी पंडित का ढोंग रचने वाले ही हिन्दू धर्म को चूना लगा रहे है. तब मेरे भारत देश के हिन्दू ज्ञानी अपने नियम और संकल्पो के कानूनों को क्यों लागू नहीं करते. जब एक बेटी की इज्जत लूटी है उसके ऊपर दुराचार होता है तब इंसान के शरीर में आने वाले देवी-देवता वाले इंसान कहा चले जाते है. इस का क्या कारण है क्योकि हमारी मानसिकता भटक चुकी है. क्योकि हुम्हे ही अपने भगवान के लाखो रूप कर दिए. और उन लाखो रूपों की मानसिकता और शक्ति भी अलग-अलग है. और उन्हें मानने वाले भी वैसे ही होंगे. तो समाज में धर्म में एक जुटता कैसे होगी. मेरा निवेदन है मेरे धर्म के ज्ञानियों से कि इस ज्ञान से ज्यादा ऐसे ज्ञान कि जरूरत है जो लोगो में अंधविश्वास को दूर करे सही रूप में भगवान् को समझे. और इंसान को समझे . क्योकि इंसान कभी भगवान नहीं हो सकता.
kamalagera said:
Mandir masjid girjaghar me baat diya bhagwan ko dharti bati sagar baata mat baato insan ko
Pingback: Bhakti Jihad – Publisher Pushpak Sah !! | Punita kaa pushpak