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मुस्लिम/गैर मुस्लिम देवियों,
यदि आप किसी मुस्लिम लड़के से प्यार करती हैं और उस से शादी का सोच रही तो कृपया थोडा समय इस लेख पर दे | आपके पुरे जीवन का प्रश्न हैं ५-१० मिनट पढ़ सकती हैं | मैं जानता हू प्यार अंधा होता हैं प्यार में कुछ नहीं दीखता और जब इन्द्रिया तुष्ट कर के लड़किया सड़क पे आती हैं तब उन्हें एहसास होता के उन्होंने क्या बेवकूफी करी |

आप कोई भी धर्म में हो यदि किसी मुसलमान से शादी करने जा रही तो जानिये के वो सोचता कैसे हैं क्या वे वास्तव में वो सब  सोचता हैं जो इस्लाम में लिखा हुआ हैं | इस से मतलब नहीं के आप स्वं भी एक मुस्लिम हैं इस्लाम पुरुषों के हित का सम्प्रदाये हैं लड़किया बोले भले हि ना पर उन्हें के लिए मुस्लिम समाज जहन्नुम से कम नहीं | तो आप कृपया इन प्रश्नों को अपने दिमाग में रख के समय के साथ अपने मुस्लिम प्रेमी कि परीक्षा करे यदपि वो तक्किया अर्थात झूठ बोलेगा क्यों के उसे अल्लाह ने स्वतंत्र कर रखा हैं अपनी कसमो से जिसका प्रमाण हमने क्रम संख्या ९ में दिया हैं | पर ईश्वर ने आपको भी तो बुद्धि दी हैं “लेकिन वो ऐसा नहीं हैं” के आगे भी तो आप सोच सकती हैं | लोगो को पहचान सकती हैं |

आप जननी हैं, सृजन आप पर आधारित हैं मानसिक विकार वाले व्यक्ति के गुणधर्म आगे बढा के आप पाप हि कमाएंगी और दुःख को प्राप्त होंगी | अतः मुस्लिम लडको कि मानसिकता को समझिए के वो चाहे तो भी उनका सम्प्रदाये उन्हें प्रेम कि अनुमति नहीं देता | वे कभी समझ नहीं सकते के प्रेम होता क्या हैं
यः दिव्यता तो ईश्वर ने नारी को दी है वात्सल्य तो उसके पास हैं और जो खुले मष्तिष्क से चिंतन करता है वह प्रेम को और नारी के कोमल मन को समझ सकता हैं | एक ऐसा इंसान जिसे कुरान अल्लाह का ग्रन्थ और मोहम्मद उसका रसूल लगता हैं वह प्रेम कभी नहीं समझ सकता | अतः खुद को उत्तर दीजियेगा के क्या आप ऐसा जीवन साथी चुनेंगी

१. जिसे लगता हैं के अल्लाह ने उसे आजादी दी एक साथ ४ बीविया रखने की क्या वो कभी प्यार समझ सकता हैं | प्यार तो एक से ही होता हैं २-३-या ४ से
नहीं |

प्रमाण देखे कुरान ४:३-

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अब समझ आया मुस्लिमो में सभ्यता का अभाव क्यों होता हैं जब अल्लाह हि लौड़ी जो कब्जे में आई है उसी पर बस करने को कहे रहा अगर ३-४ झेल
ना पाओ | काश अल्लाह के रसूल ने ये आयत अपने ऊपर उतरने से पहले पढ़ ली होती और पढ़ी थी तो मान लिया होता अब हश्र के  मैदान में रसूल क्या जवाब देंगे |

२. जिसे लगता हैं के उसका ईश्वर यानी अल्लाह ने उसे आजादी दी हैं अपनी बीवी को मारने की अगर वो कहना ना माने | बीवी हैं कोई जानवर नहीं जो कहना ना माने तो मारो, लोग तो जानवर को भी उसकी सुझबुझ का प्रयोग करने देते है |

प्रमाण देखे कुरान ४:३४ – 
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३. जिसे लगता हैं के अल्लाह ने दौलत से या जोर जबरदस्ती से उसे औरत को रखने का अधिकार दिया हैं | औरत भी लूट के माल में आती हैं जिसे निर्जीव और संजीव भावना युक्त में भेद नहीं करना आता क्या ऐसा व्यक्ति प्यार का कोई भी अक्षर समझ सकता हैं |

प्रमाण देखे कुरान ४:२४ –
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४. जिसे अल्लाह ये बताता हैं के उसकी औरते उसके लिए खेती के सामान हैं जैसा चाहो वैसा जाओ | खेत गिरवी रख दिए जाते हैं बेच दिये जाते हैं और मुस्लिम लड़के भी ऐसा ही करते हैं लडकीय भोग के दूसरे शेहरो में बेच देते हैं हाला की आजकल लव जिहादी ऐसा कर रहे हैं हिंदू लडकियो के साथ क्यों के उनका साथ  देने को उनका परिवार नहीं होता हैं |

प्रमाण देखे कुरान २:२२३ –

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५. जो रकम के आधार पर लड़की को अपनी बीवी कह रहा हैं | शादी की रात बिताने के बाद अगर वह दूसरे दिन तीन बार तलाक कहे के मैहर की रकम मू पर मार दे तो उसके लिए बीवी और वेश्या में भेद कर पाना मुश्किल हैं |

प्रमाण देखे कुरान ४:४-

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देख रहे है इसी कारण सारे मुसलमान नाजायज हि कहे जायेंगे क्यों के जिसे वो विवाह कहते वो वास्तव में मुद्रा के आधार पर शारीरिक सम्बन्ध बनाना होता जिसे हम वेश्यावृत्ति कहते सरल शब्दों में |

ध्यान दे इस्लाम में औरतो को तलाक का अधिकार नहीं हैं तो आप एक बार फस गई तो बड़ी मुश्किल से  निकलेगी कुल्ला कि रस्म इतनी सरल नहीं जिसमे पुरुष को नपुसक साबित करना होता हैं | होते तो ज्यादातर हैं पर साबित करना मुस्लिम लड़कियों के बस कि बात नहीं |

६. एक ऐसा इंसान जो समझता हू के अल्लाह और उसके नबी ने कहा हैं ज्यादातर औरते जहन्नुम में होंगी उसके पति की बात ना मानने को | जो पति गलत कहे सो भी मानना चाहिए?

प्रमाण देखे हदीस से

http://www.usc.edu/org/cmje/religious-texts/
hadith/bukhari/002-sbt.php#001.002.029
Volume 1, Book 2, Number 29:
Narrated Ibn ‘Abbas:
The Prophet said: “I was shown the Hell-fire and that the majority of its dwellers were women who were ungrateful.” It was asked, “Do they disbelieve in Allah?” (or are they ungrateful to Allah?) He replied, “They are ungrateful to their husbands and are ungrateful for the favors and the good (charitable deeds) done to them. If you have always been good (benevolent) to one of
them and then she sees something in you (not of her liking), she will say, ‘I have never received any good from you.”

इब्न अब्बास ने बताया पैगम्बर ने कहा “मुझे जहन्नुम कि आग दिखाई गई और मैंने बहुमत में वहा स्त्रियों को पाया जो कृतघ्न थी”. यह पूछा गया,”के क्या वे अल्लाह में ईमान ना रखती थी? “(क्या वे अल्लाह अकृतज्ञ थी?) उन्होंने उत्तर दिया, “वे अकृतज्ञ थी अपनी पतियों कि और कृतघ्न थी उनपर किये गए एहसानो और अच्छे (धर्मार्थ कामो) के लिए जो उनके साथ किया ज्ञा. यदि आप उनमें से एक के साथ सदैव अच्छे (उदार) रहे और तब वह आपमें कुछ देखती हैं(जो वह पसंद नहीं करती), तो वे कहती है, “तुमने मेरे साथ कुछ अच्छा नहीं किया”.

तो आप बताइये आप ऐसी है क्या ? पर पैगम्बर ऐसा कहे रहे और मुस्लिम उनकी बात हमेशा सही हि मानते हैं |

७. एक ऐसे इंसान का परिवार जहा उस लड़के के बाप का अपनी बहु से सम्बन्ध बनाना गलत नहीं समझा जाता | क्या आप ऐसे समाज में जाना चाहेंगी जहा आप का श्वसुर ही आप पर बुरी नजर रखे वही नहीं आपका देवर इतियादी क्यों की आपने एक दाई का ढूध नहीं पिया |

प्रमाण देखे कुरान ३३:३७-

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जैद था मोहम्मद का गोद लिया हुआ बेटा तो सम्हाल के रहे सभी वो कन्याए जो किसी मुस्लिम से शादी करने का सोच रही |

८. एक ऐसा इंसान जो सौतेली बेटी से सम्भोग करने के लिए स्वतंत्र हैं अल्लाह कि ओर से |

प्रमाण देखे कुरान ४:२३-

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मतलब यदि किसी कि एक लड़की हैं और वो दूसरी शादी किसी मुस्लिम से कर रही तो पता चला किसी कारण उनकी सुहागरात नहीं बन पाई इस बीच में मुल्ला जी ने लड़की पर हि हाथ साफ़ कर दिया तो क्या करेंगी आप ? अल्लाह तो ऐसी घटिया बात कहता हैं दुखद ये हैं के मुसलमान विश्वास करते हैं के अल्लाह ईश्वर हैं |

९. एक ऐसा इंसान जिसे अल्लाह की तरफ से झूठ बोलने और झूठे वादे करनी की पूरी छुट हैं क्या वो प्यार के सच्चे वादे कभी कर पाएंगे ? इसलिए
पुरानी कहावत हैं मिया का बच्चा कभी ना सच्चा

प्रमाण देखे कुरान २:२२५ 

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वाह जी कुछ भी कसम खा के काम चला लो और कहो मु से यु हि निकल गया था झूठ बोलना और बोलने को बढ़ावा देना इसे हि कहते हैं | ६६:२
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देख रही हैं आप
यानी मुसलमानों कि कसमो का कोई मतलब नहीं होता | जन्माधिकार हैं उनके पास झूठ बोलने का अल्लाह ने पाबन्दी से निकलने के उपाय निश्चित कर रखे है यानी झूठ बोलने कि खुली स्वतंत्रता | इसीलिए केवल इस्लाम हि झूठ बोलने कि शिक्षा देने वाला धर्म हैं

१०. ऐसा लड़का जो आपको बताएगा के आपको क्या ढकना हैं कैसे कपडे पहनने हैं, हमेशा आपके चरित्र पर शक करेगा और आपको बताता रहेगा के

प्रमाण देखे कुरान
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११. ऐसा लडका जो यह मानता होगा के वे लोग झूठे हैं जो कुरान कि बे सर पैर कि बातो पे यकीन नहीं करते|

प्रमाण देखे कुरान ५:८६

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१६:१०५
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हमने यहाँ मुसलमानों कि अत्यधिक हिंसक वृति पर नहीं लिखा | जैसे आप गैर मुस्लिम हुई तो आप को तो मुस्लिम जिहादी इस्लाम कुबूल कर के हि लाएगा पर आपके माँ बाप उसके लिए काफिर होंगे और आपका बच्चा होगा उसके लिए उसके नाना नानी भी क़त्ल कर देने योग्य होंगे यदि वह भी अपने पिता के वैचारिक सिधान्तो को मानाने वाला हुआ और उसने आपको बच्चे समेत सड़क पर नहीं छोड़ा तो | अतः मुसलमान जब तक इन विचारों को नहीं छोड़ते उनसे विवाह सम्बन्ध कि सोच रखना किसी भी मुस्लिम/या गैर मुस्लिम लड़की के लिए मूर्खता हि कही जाएगी |

प्रश्न तो क्या मुस्लिम लड़किया भी प्यार नहीं समझती ? उनसे भी शादी ना करी जाए ? लड़किया स्वभाव से कोमल होती हैं, मुस्लिम कुल कि कन्याओ ने  र  नहीं देखा होता उन्हें प्यार का कोई अनुमान नहीं होता | काम और प्रेम भिन्न हैं काम प्रेम का अंग हैं यह वे नही समझती तो यदि आप मुस्लिम  कन्या से विवाह का सोच रहे तो बदले कि भावना में तो यह आप अपना जीवन बर्बाद कर रहे | माता निर्माता होती हैं आपके बच्चे जब उसके गर्भ में होंगे तो वो तो अल्लाह और रसूल सोचेगी और संस्कार जाएँगे |
तो क्या ?
तो उनकी मानसिक शुद्धि करिए | उनसे विशुद्ध प्रेम करिये और उन्हें अपना महान वैदिक धर्म समझाइये | इस्लाम कि बुराई के बजाए वैदिक धर्म के सिधान्तो  को समझिए | जब वे मानसिक तौर पर आपके समाज में आने को तैयार हो जाये तो उनका यज्ञोपवित करा के शुद्धि करिये और तत्पश्चात संस्कृत नाम दे कर उनसे विवाह करिये | देखिये हमारे कुलों में अद्भुत विदुषी ब्रह्मणि हुई ऐसी क्षत्राणी हुई के यदि किसी दुष्ट ने हाथ पकड़ लिया तो अपना हाथ काट दिया या छूने ना पाए कोई नीच तो शारीर को भष्म कर लिया तो आर्य कन्यायो से मलेच्छ कुल कि कन्यायो कि तुलना नहीं | पर महत्व ये रखता हैं के कौन क्या चुनता हैं कन्या का वही कुल होता जिसमे वो जाती हैं उन्हें संस्कारित करिये उन्हें आर्य बनाइये उनके भी तो पूर्वज आर्य हि थे | विशुद्ध प्रेम से परिवर्तन कि थोड़ी सम्भावनाये मुस्लिम कन्यायो में हैं पर मुस्लिम लडको से कोई आशा ना करिये क्यों के कुरआन उनकी सुविधा के अनुकूल हैं कोई भी दुष्ट जो चाहेगा नारी को गुलाम बनाए रखने के लिए वो सब कुरान में हैं इसलिए किसी मुस्लिम का विवाह किसी गैर मुस्लिम के साथ-२ क्या मुस्लिम के साथ भी ना होने देने का प्रयत्न करिये यदि वे उपरोक्त दी हुई आयतों में आस्था रखता हैं तो |
नमस्ते!
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